आश्चर्य होना अनावश्यक नहीं है कि इधर स्टंट सेल्फी का चलन जिस तेज गति से बढ़ रहा है, ठीक उतनी ही तेज गति से वह जानलेवा शौक़ में भी बदलता जा रहा है। इसी तरह की सेल्फी को डेयरिंग (साहसी) या स्टंट (दुःसाहसी) सेल्फी कहा जाता है। परस्पर संवाद के जिन तौर-तरीकों ने साझा करने की इंसानी-फ़ितरत का विस्तार किया है, उनमें ‘स्टंट-सेल्फी’ सबसे अधिक आकर्षक, सबसे अधिक सुलभ और सबसे अधिक तीव्र गतिशील ‘प्रदर्शनकारी-कला’ साबित हुई है, किन्तु सर्वाधिक .खतरनाक भी यही है। बतौर स्टंट-सेल्फ़ी किसी उपलब्धि को सांझा करना, कितना बड़ा सामाजिक-.खतरा बन सकता है, इसका अंदाज़ा शायद मोबाइल .फोन-निर्माताओं को भी नहीं रहा होगा, लेकिन दिक्क़त यहॉं यह भी पेश आ रही है कि इस खतरनाक शौक को प्रतिबंधित करने का कोई कारगर तौर-तरीक़ा अभी किसी महान् समाजशास्त्री अथवा अपराधषास्त्री तक को भी सूझ नहीं रहा है।
पिछले ही दिनों में कुछेक ऐसी सेल्फी भी देखी गईं, जो हमें न सिर्फ़ चौंकाती हैं, बल्कि चिंता में भी अवश्य ही डालती हैं। उत्तरप्रदेश के मीरजापुर चुनार इलाके में चलती ट्रेन के साथ स्टंट-सेल्फी लेते हुए जो तीन युवक मारे गए, उनमें से एक तो सिर्फ़ स्टंट देखने के चक्कर में ही मारा गया। उत्तरप्रदेश के ही सहारनपुर में भी दसवीं का एक छात्र चलती ट्रेन के साथ सेल्फी लेते व.क्त हादसे का षिकार हो गया।
पिछले बरस जुलाई 2015 में, मध्यप्रदेश के भोपाल में एक पूर्व विधायक गोविंदसिंह राजपूत के पोते राहुलसिंह राजपूत ने, अपने चाचा की लायसेंसी रिवाल्वर के साथ सेल्.फी के चक्कर में अपनी जान गंवा दी थी, ठीक उसी तरह जिस तरह वर्ष 2014 में अमेरिका के मैक्सिको शहर में 21 वर्षीय पशु चिकित्सक ऑस्कर ओटेरो भरी बंदूक के साथ सेल्फी लेने के चक्कर में अपनी जिंदगी खो बैठा था।
वॉषिंगटन पोस्ट नामक अखबार की एक ता.जा रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले बरस 2015 में, स्टंट-सेल्फी लेते हुए दुनियाभर में जो तीसेक लोग हादसे का षिकार हुए हैं, उनमें से आधे से ज्यादा भारत के ही हैं। इस अध्ययन रिर्पोट में एक .खतरनाक तथ्य यह भी उभरा है कि स्टंट-सेल्फी का यह चलन लड़कियों में .खतरनाक ढंग से बढ़ा है। लड़कियॉं एक हफ्ते में कम से कम पांच घंटे सेल्फी में खर्च करती हैं। सत्ताईस .फीसदी लड़कियॉं कहती हैं कि अगर उनकी किसी सेल्फी को लाइक्स (प्रशंसा) नहीं मिले, तो वे उस सेल्फी को हटाकर दूसरे ढंग से सेल्फी लेने की कोशिश में व्यस्त हो जाती हैं। दूसरे ढंग से सेल्फी लेने की कोशिश का यहॉं अभिप्राय स्टंट-सेल्फी से ही है। क्या इस तरह की स्टंट-सेल्फी को रोका नहीं जाना चाहिए? क्या स्टंट-सेल्फी को रोका नहीं जा सकता है? क्यों स्टंट-सेल्फी को ज़िंदगी गंवा देने का माध्यम बने रहने के लिए खुला छोड़ दिया जाना चाहिए?
ऐसा नहीं है कि स्टंट-सेल्फी की रोकथाम के लिए कहीं भी कुछ भी किया ही नहीं जा रहा है? वैश्विक-स्तर पर किए जा रहे प्रयासों से ज्ञात होता है कि पिछले वर्ष 2015 में रूस की पुलिस ने स्टंट-सेल्फी के बचाव में ‘सेफ-सेल्फी’ अभियान की जो प्रारंभिंक कोशिशें की थीं, बे काफी हद तक सफल रही थीं।
अभियान की सफलता के लिए जिन सावधानियों का उल्लेख किया गया था, उनका प्रभावी-असर भी दिखाई दिया था। यह तब की बात है, जब रूस में स्टंट-सेल्फी की कोशिश करते हुए तकरीबन एक दर्जन जानें जा चुकी थीं. और तकरीबन सौ से .ज्यादा लोग दुर्घटनाग्रस्त हो चुके थे। भारत के मुम्बई स्थित समुद्र-तट पर भी सेल्फी के चक्कर में जब तीन लड़कियॉं पिछले ही बरस डूबकर मर गईं, तो उन समुद्री-तटों पर सेल्फी लेना प्रतिबंधित कर दिया गया, जहॉं सेल्फी लेना खतरनाक हो सकता है।
इसी तरह पिछले ही बरस नासिक और त्र्यंबकेश्वर में भी कुंभ मेले के अवसर पर प्रशासन द्वारा सेल्फी लेना प्रतिबंधित कर दिया गया था। प्रशासन का आंकलन था कि सेल्फी के लिए, कुछ देर के लिए, रूक जाने से धक्का-मुक्की और भगदड़ मच जाने की आशंका और जोखिम बढ़ जाती है। शाही स्नानों जैसे अवसरों पर तो यह खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। ज़ाहिर है कि समय रहते सावधानी बरती जाए तो ऐसे खतरों से बचा जा सकता है।
किन्तु उस एक सेल्फी को कैसे प्रतिबंधित किया जाए, जो एक गधे के साथ वायरल हुई है और जिसे हजारों नहीं लाखों लोगों ने देखा है? दुनिया के महान् समकालीन फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो की पूर्व गर्लफ्रेण्ड रूसी सुपर मॉडल इटिना श्याक अपनी पहली सेल्फी में एक गधे के ठीक बराबर-बराबर बैठी हैं। .फोटों का कैप्शन है ‘सीक्रेट प्राजेक्ट’, किन्तु इरिना श्याक की दूसरी सेल्फी तो वाकई अजब-गजब हैं इरिना श्याक के दूसरे फोटो में गधा एक अजीब अंदा.ज में पीछे लेटा दिखाई दे रहा है और वह इरिना श्याक का चुंबन लेने का पोज दे रहा है। .फोटो का कैप्षन है ‘डबल-ट्रबल’ इरिना श्याक ने .जाहिर है कि ये सब म.जाकिया अंदा.ज में ही किया है, लेकिन लोग हैं कि गधे के साथ इटिना श्याक की इस एक सेल्.फी को लाखों की तादात में देख भी रहे हैं और मूर्खता भी बता रहे हैं।
स्टंट-सेल्फी की फैलती महामारी का इलाज कैसे हो?
Written By राजकुमार कुम्भज
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