हरियाणा में बीजेपी को ले डूबेगी सत्ता विरोधी लहर? Video Included | Haryanas-anti-bjp-tsunami-video
दोस्तों
यह माना जा रहा था कि उत्तर भारत में अगर बीजेपी के खिलाफ सबसे ज्यादा हवा कहीं है तो वह राजस्थान में है राजस्थान में जाटों का गुस्सा दिख रहा था राजपूतों का गुस्सा दिख रहा था किसानों का गुस्सा दिख रहा था
जवानों का गुस्सा दिख रहा था लेकिन यह पूरा पूरे राज्य में नहीं था राज्य के कुछ हिस्सों में था जिसमें करीब 10-12 सीटें ऐसी थी जहां पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर थी और यह माना जा रहा है कि छह से आठ सीटें कांग्रेस वहां से निकाल लेगी
अब सट्टा बाजार भी कांग्रेस को इतनी सीटें दे रहा है हो सकता है एक दो सीटें और भी कांग्रेस निकाल ले दूसरे हिस्सों से लेकिन राजस्थान से भी ज्यादा गुस्सा लोगों में हरियाणा में है हरियाणा में बीजेपी के खिलाफ राज्य सरकार के खिलाफ केंद्र सरकार के खिलाफ इन तीनों सरकारों के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है
और यह मान के चला जा रहा है कि हरियाणा की कम से कम आधी सीटें तो कांग्रेस जीत ही रही है उसके अलावा भी वह दो-तीन सीटें और निकाल सकती है अगले 15-20 दिन में जो माहौल बनेगा उसके आधार पर यह उसका पता चलेगा
लेकिन अभी बहुत साफ है बहुत सारी सीट सीट बिल्कुल स्पष्ट है कि कांग्रेस जीत रही है और इसके कई कारण बताए जाते हैं पहला कारण तो है कि यह एंटी इनकंबेंसी जबरदस्त है राज्य सरकार के खिलाफ भी केंद्र सरकार के खिलाफ भी दोनों सरकारों से बेहद नाराजगी है
और उसकी एक बहुत बड़ी वजह तो यह है कि किसान आंदोलन के साथ वहां की राज्य सरकार ने जिस तरह का बर्ताव किया व्यवहार किया उससे पूरे बेल्ट में पूरे हरियाणा में उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक पूरे हरियाणा में एक बीजेपी के विरोध में हवा बनी हुई है जबरदस्त लहर के रूप में मौजूद है तो किसान बहुत बुरी तरह से नाराज है
अग्निवीर क्योंकि हरियाणा से बड़े पैमाने पर युवा फौज में जाते हैं और अग्निवीर योजना के खिलाफ उनमें बहुत जबरदस्त गुस्सा है तो वह गुस्सा भी रिफ्लेक्ट हो रहा है जाटों में बहुत गुस्सा है क्योंकि एक तो किसान आंदोलन में जाटों की भागीदारी सबसे ज्यादा थी
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और दूसरा महिला पहलवानों के मसले पर जिस तरह का व्यवहार केंद्र सरकार ने किया ब्रजभूषण शरण सिंह को बचाने की कोशिश की फिर अभी उनके लड़के को टिकट दे दिया तो इससे उस बेल्ट में और भी नाराजगी जाटों में बढ़ गई है तो जाटों की नाराजगी इस स्तर पर है
फिर हरियाणा में दलितों की आबादी भी अच्छी खासी है दलितों में संविधान के खतरे को लेकर एक बड़ी भावना घर कर गई है कि बीजेपी अगर जीत के आएगी तो संविधान से छेड़छाड़ करेगी आरक्षण से छेड़छाड़ करेगी तो एक यह तीसरा मुद्दा और बन गया है
जो लोगों में बीजेपी विरोधी भावनाओं को बल दे रहा है इसके अलावा छोटे-छोटे और भी बहुत सारे ऐसी घटनाएं हुई है इस बीच में जैसे कर्मचारी हैं शिक्षकों के खिलाफ इस सरकार ने जिस तरह से व्यवहार किया उससे भी गुस्सा बना है
बहुत सारे इलाकों में किसानों ने लामबंदी कर रखी है जो बीजेपी के कैंडिडेट हैं उन्हें घुसने नहीं दे रहे यहां तक कि मनोहर लाल खट्टर जो करनाल से चुनाव लड़ रहे हैं पांच बार उनको गांव में रोका गया उनके काफिले को उनको लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा है
तो मनोहर लाल खट्टर तो बहुत अलोक प्रिय है हालांकि करनाल में उनकी स्थिति बता रहे हैं कि ठीक है वो मुकाबला तो कड़ा होगा लेकिन निकाल ले जाएंगे क्योंकि वहां पंजाबी मतदाताओं की संख्या काफी है तो उसके वोट के आधार पर वह निकाल सकते हैं
लेकिन आसान नहीं है लेकिन बाकी सीटों को देखें तो वहां पर बड़ी मुश्किल पेश आ रही बीजेपी को चाहे वह सोनीपत हो चाहे सिरसा हो चाहे कुरुक्षेत्र हो चाहे रोहतक हो यह तमाम सीटें एक तरह से कांग्रेस की झोली में चली गई हैं
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गुड़गांव में अभी थोड़ा सा संशय बना हुआ है क्योंकि अभी आखिर में राज बब्बर को वहां कैंडिडेट के तौर पर उतारा गया है अब वो अगले 15-20 दिन में किस तरह की हवा बनाते हैं उस परे डिपेंड करेगा फरी फरीदाबाद में भी थोड़ा सा प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है
अंबाला भी जो सीट है उसमें मुकाबला बहुत कांटे का होने वाला है और बहुत संभावना कि वो सीट भी कांग्रेस निकाल लेगी तो अगर आप देखें सिरसा भिवानी कुरुक्षेत्र सोनीपत रोहतक ये तमाम सीटें जो है कांग्रेस के खाते में जाती हुई दिख रही हैं
और यह बीजेपी के लिए बहुत झटका बड़ा झटका होने वाला है और हरियाणा में अगर यह होता है और इसी साल फिर विधानसभा के चुनाव होने हैं तो यह लगातार एक बिल्ड अप हो रहा है जिसमें राज्य में भी उसकी सत्ता जा सकती है
तो जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर हरियाणा में और कांग्रेस कम से कम पांच से छह सीटें आज की तारीख में उसकी पक्की हो चुकी हैं आगे चलकर हो सकता है एक दो सीट और वो पक्की कर ले
तो एक अच्छा खासा कांग्रेस को और उसके सहयोग दल आपको क्योंकि नवीन जिंदल के खिलाफ आपके कैंडिडेट सुशील गुप्ता खड़े हैं और उनकी भी स्थिति बहुत मजबूत है
नवीन जिंदल इसके बावजूद कि उनके पास बहुत धन है वह शायद ही वह सीट निकाल पाएंगे तो इस तरह से हरियाणा एक तरह से कांग्रेस के लिए एक जैकपॉट साबित होने वाला है और उसको वहां से अच्छी खासी सीटें मिल सकती हैं