बीजेपी ने संविधान से ग़ायब कर दिए ये शब्द। मंच गया हंगामा
संविधान एक तीखी बहस के केंद्र में है क्योंकि भाजपा ने संविधान से इन शब्दों को हटा दिया है, जिससे देश विभाजित हो गया है और मंच पर हंगामा मच गया है।
The Constitution is at the center of a fiery debate as BJP removed these words from the constitution, leaving the nation divided and the stage filled with uproar.
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण
Analysis by senior journalist
Prof. (Dr.) Mukesh Kumar
Journalist, TV Anchor, Writer, Poet & Translator
प्रोफेसर (डॉक्टर) मुकेश कुमार के बारे
एक शख्स जो सुबह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता है, फिर किसी चैनल पर बहस कर रहा होता है, और शाम को किताब लिखने में जुट जाते हैं! जी, वही हैं हमारे डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार.
Dr. Mukesh Kumar |
उन्होंने मीडिया की दुनिया में 30 साल से भी ज़्यादा का समय बिताया है. सोचिए, जब टीवी पर रंगीन टीवी नहीं आते थे, तब वह पत्रकारिता कर रहे थे!
उनके नाम छह न्यूज़ चैनल लॉन्च करने का रिकॉर्ड है, और अनगिनत शोज़ की एंकरिंग कर चुके हैं. उनकी बातचीत इतनी दिलचस्प होती है कि दर्शक टकटकी लगाकर देखते रहते हैं.
लेकिन प्रोफेसर कुमार सिर्फ टीवी के ही सुल्तान नहीं हैं. उन्हें लिखने का भी बड़ा शौक है.
उनकी 13 किताबें छप चुकी हैं, जिनमें से कुछ तो पत्रकारिता की तकनीक पर हैं, तो कुछ में उन्होंने कहानियों और कविताओं को पिरोया है.
अब सोचिए, इतना कुछ करने के बाद भी वह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं. उनकी क्लासेज़ में स्टूडेंट्स को सिर्फ थ्योरी नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी का अनुभव भी मिलता है.
कहीं ना कहीं वह अपनी ज़िंदगी का हर रंग अपने स्टूडेंट्स पर भी बिखेर देते हैं.
तो कुल मिलाकर, डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने मीडिया और शिक्षा की दुनिया में अपना परचम लहराया है.
वह हर काम को पूरे जुनून और लगन से करते हैं, और यही बात उन्हें सबसे अलग बनाती है.