क्या अमित शाह ने संघ को बुरी तरह फंसा दिया?

क्या अमित शाह ने संघ को बुरी तरह फंसा दिया?


Is Amit Shah Putting the Sangh’s Legacy at Risk? #AmitShah #Sangh #RSS #Politics #BJPCrisis #SanghLegacy #IndiaPolitics #AmitShahVsSangh

क्या अमित शाह संघ की विरासत को खतरे में डाल रहे हैं?


इस साहसिक सवाल ने राजनीतिक हलकों में गरमागरम बहस छेड़ दी है।

Is Amit Shah Putting the Sangh’s Legacy at Risk?
Is Amit Shah Putting the Sangh’s Legacy at Risk?

अपने रणनीतिक कदमों और सत्ता के खेल से, कुछ लोगों का मानना ​​है कि अमित शाह के हालिया फैसलों ने संघ को गहरे संकट में डाल दिया है।

क्या ये कदम भाजपा के प्रभुत्व के लिए एक मास्टरस्ट्रोक हैं, या वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दशकों पुरानी नींव में दरारें पैदा कर रहे हैं?

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इस वीडियो में, हम अमित शाह के राजनीतिक पैंतरेबाज़ी और संघ के पारंपरिक दृष्टिकोण के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा करेंगे।

हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम यह पता लगा रहे हैं कि अमित शाह की शासन शैली संघ के दृष्टिकोण के अनुरूप है या यह अलग हो रही है, जिससे एक गहरा विभाजन पैदा हो रहा है। क्या यह सिर्फ़ एक अस्थायी दरार है, या यह आने वाले वर्षों के लिए संघ की विरासत को खतरे में डाल सकती है?

एक व्यावहारिक विश्लेषण के लिए बने रहें जो इस रिश्ते की जटिलताओं को उजागर करता है और इस बात पर प्रकाश डालता है कि पर्दे के पीछे वास्तव में क्या हो रहा है।

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Is Amit Shah putting the Sangh’s legacy at risk? 


This bold question has sparked heated debates across political circles. 

With his strategic moves and power plays, some believe that Amit Shah's recent decisions may have put the Sangh in deep trouble. 

Are these actions a masterstroke for the BJP’s dominance, or are they causing cracks in the decades-old foundation of the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)? 

In this video, we dive into the growing tensions between Amit Shah's political maneuvers and the Sangh's traditional approach.

Join us as we explore whether Amit Shah’s style of governance aligns with the Sangh’s vision or if it's drifting apart, creating a deep divide. Is this just a temporary rift, or could it jeopardize the Sangh's legacy for years to come? 

Stay tuned for an insightful analysis that decodes the complexities of this relationship and sheds light on what’s really happening behind the scenes. 

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वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण
Analysis by senior journalist
Prof. (Dr.) Mukesh Kumar
Journalist, TV Anchor, Writer, Poet & Translator

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