आइए इस पर एक नजर डालते हैं! महाराष्ट्र में सत्ता की लड़ाई हमेशा से ही तीखी रही है, लेकिन इस बार यह पहले से कहीं ज्यादा तीखी हो गई है।
शिंदे के गढ़ को खत्म करने के लिए भाजपा द्वारा सोची-समझी चालों की चर्चाओं के बीच इस गठबंधन के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
क्या भाजपा शिंदे और उनकी पार्टी को खत्म करके अपना वर्चस्व बनाएगी? या शिंदे वापस लड़ेंगे और अपनी स्थिति सुरक्षित करेंगे?
हमारे साथ बने रहिए क्योंकि हम इस पूरे घटनाक्रम का विश्लेषण करेंगे, नाटक, रणनीतियों का खुलासा करेंगे, तथा यह बताएंगे कि राज्य के राजनीतिक परिदृश्य के लिए इस सत्ता संघर्ष का क्या अर्थ हो सकता है!
Are the cracks in the BJP-Shinde alliance growing too deep to mend?
In this video, we explore the burning question: Is BJP plotting the end of Shinde and his Shiv Sena?
Speculations are rife that the BJP might be planning a bold move to wipe out Shinde and his party to consolidate their power in Maharashtra.
From secret political strategies to public spats, we'll uncover what’s really going on behind the scenes. Could this be the beginning of the end for Shinde’s Shiv Sena, or is it all just political theatrics? Let’s dive in!
The battle for power in Maharashtra has always been intense, but this time, it’s heating up like never before.
With whispers of BJP’s calculated moves to dismantle Shinde’s stronghold, questions are being raised about the future of this alliance.
Will BJP wipe out Shinde and his party to make way for their own dominance? Or will Shinde fight back and secure his position?
Stay tuned as we break it all down, revealing the drama, the strategies, and what this power tussle could mean for the state's political landscape!
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण Analysis by senior journalist Prof. (Dr.) Mukesh Kumar Journalist, TV Anchor, Writer, Poet & Translator
प्रोफेसर (डॉक्टर) मुकेश कुमार के बारे
एक शख्स जो सुबह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता है, फिर किसी चैनल पर बहस कर रहा होता है, और शाम को किताब लिखने में जुट जाते हैं! जी, वही हैं हमारे डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार.
Dr. Mukesh Kumar
उन्होंने मीडिया की दुनिया में 30 साल से भी ज़्यादा का समय बिताया है. सोचिए, जब टीवी पर रंगीन टीवी नहीं आते थे, तब वह पत्रकारिता कर रहे थे!
उनके नाम छह न्यूज़ चैनल लॉन्च करने का रिकॉर्ड है, और अनगिनत शोज़ की एंकरिंग कर चुके हैं.
उनकी बातचीत इतनी दिलचस्प होती है कि दर्शक टकटकी लगाकर देखते रहते हैं.
लेकिन प्रोफेसर कुमार सिर्फ टीवी के ही सुल्तान नहीं हैं. उन्हें लिखने का भी बड़ा शौक है.
उनकी 13 किताबें छप चुकी हैं, जिनमें से कुछ तो पत्रकारिता की तकनीक पर हैं, तो कुछ में उन्होंने कहानियों और कविताओं को पिरोया है.
अब सोचिए, इतना कुछ करने के बाद भी वह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं. उनकी क्लासेज़ में स्टूडेंट्स को सिर्फ थ्योरी नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी का अनुभव भी मिलता है.
कहीं ना कहीं वह अपनी ज़िंदगी का हर रंग अपने स्टूडेंट्स पर भी बिखेर देते हैं.
तो कुल मिलाकर, डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने मीडिया और शिक्षा की दुनिया में अपना परचम लहराया है.
वह हर काम को पूरे जुनून और लगन से करते हैं, और यही बात उन्हें सबसे अलग बनाती है.