इस क्षेत्र में पहले से ही अस्थिरता के साथ जूझने के साथ, हम यह पता लगाते हैं कि इतिहास खुद को कैसे दोहरा सकता है और इसका सीरिया के भविष्य के लिए क्या मतलब हो सकता है।
हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम तालिबान के शासन और सीरिया में मौजूदा गतिशीलता के बीच समानताओं को उजागर करते हैं।
क्या अफ़गानिस्तान के अतीत की गूँज इस मध्य पूर्वी देश में गूंज सकती है? क्या तालिबान-शैली का शासन यहाँ पैर जमा पाएगा?
वास्तविक जोखिमों, संभावनाओं और सीरिया के लिए आगे क्या है, यह समझने के लिए अंत तक देखें।
नीचे टिप्पणियों में अपने विचार साझा करना न भूलें - आपका दृष्टिकोण मायने रखता है!
Is Syria heading towards Taliban-style rule?
This question has sparked heated debates across the globe as the region faces a whirlwind of political and ideological shifts.
In this video, we take a closer look at the growing concerns surrounding whether the Taliban's influence could spread to Syria.
With the region already grappling with instability, we explore how history might be repeating itself and what this could mean for Syria’s future.
Join us as we unravel the parallels between the Taliban's rule and the current dynamics in Syria.
Could the echoes of Afghanistan’s past resonate in this Middle Eastern nation? Will Taliban-style governance find a foothold here?
Watch till the end to understand the real risks, the possibilities, and what lies ahead for Syria.
Don’t forget to share your thoughts in the comments below—your perspective matters!
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण Analysis by senior journalist Prof. (Dr.) Mukesh Kumar Journalist, TV Anchor, Writer, Poet & Translator
प्रोफेसर (डॉक्टर) मुकेश कुमार के बारे
एक शख्स जो सुबह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता है, फिर किसी चैनल पर बहस कर रहा होता है, और शाम को किताब लिखने में जुट जाते हैं! जी, वही हैं हमारे डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार.
Dr. Mukesh Kumar
उन्होंने मीडिया की दुनिया में 30 साल से भी ज़्यादा का समय बिताया है. सोचिए, जब टीवी पर रंगीन टीवी नहीं आते थे, तब वह पत्रकारिता कर रहे थे!
उनके नाम छह न्यूज़ चैनल लॉन्च करने का रिकॉर्ड है, और अनगिनत शोज़ की एंकरिंग कर चुके हैं.
उनकी बातचीत इतनी दिलचस्प होती है कि दर्शक टकटकी लगाकर देखते रहते हैं.
लेकिन प्रोफेसर कुमार सिर्फ टीवी के ही सुल्तान नहीं हैं. उन्हें लिखने का भी बड़ा शौक है.
उनकी 13 किताबें छप चुकी हैं, जिनमें से कुछ तो पत्रकारिता की तकनीक पर हैं, तो कुछ में उन्होंने कहानियों और कविताओं को पिरोया है.
अब सोचिए, इतना कुछ करने के बाद भी वह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं. उनकी क्लासेज़ में स्टूडेंट्स को सिर्फ थ्योरी नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी का अनुभव भी मिलता है.
कहीं ना कहीं वह अपनी ज़िंदगी का हर रंग अपने स्टूडेंट्स पर भी बिखेर देते हैं.
तो कुल मिलाकर, डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने मीडिया और शिक्षा की दुनिया में अपना परचम लहराया है.
वह हर काम को पूरे जुनून और लगन से करते हैं, और यही बात उन्हें सबसे अलग बनाती है.