आइए विस्तार से जानें और समझें कि न्यायपालिका में वास्तव में क्या हो रहा है। इस बयान के निहितार्थों और यह न्यायिक प्रणाली की ईमानदारी और कार्यप्रणाली पर सवाल क्यों उठा रहा है, इस पर चर्चा करते हुए बातचीत में शामिल हों।
क्या न्यायपालिका पहले से कहीं ज़्यादा जांच के दायरे में है? या यह सिर्फ़ एक बड़ी कहानी का हिस्सा है?
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What did the High Court judge say that has everyone talking?
In this video, we dive into the bold statement made by a High Court judge that’s raising eyebrows and stirring debates across the nation.
Questions are being raised on the entire judiciary, and it’s making headlines for all the right—or wrong—reasons. Are these remarks a wake-up call, or is it just another storm in a teacup?
Let’s uncover the details and understand what’s really happening in the judiciary.
Join the conversation as we discuss the implications of this statement and why it’s sparking questions about the integrity and functioning of the judicial system.
Is the judiciary under scrutiny like never before? Or is this just part of a larger narrative?
Watch now to get the full scoop and share your thoughts in the comments below!
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वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण Analysis by senior journalist Prof. (Dr.) Mukesh Kumar Journalist, TV Anchor, Writer, Poet & Translator
प्रोफेसर (डॉक्टर) मुकेश कुमार के बारे
एक शख्स जो सुबह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता है, फिर किसी चैनल पर बहस कर रहा होता है, और शाम को किताब लिखने में जुट जाते हैं! जी, वही हैं हमारे डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार.
Dr. Mukesh Kumar
उन्होंने मीडिया की दुनिया में 30 साल से भी ज़्यादा का समय बिताया है. सोचिए, जब टीवी पर रंगीन टीवी नहीं आते थे, तब वह पत्रकारिता कर रहे थे!
उनके नाम छह न्यूज़ चैनल लॉन्च करने का रिकॉर्ड है, और अनगिनत शोज़ की एंकरिंग कर चुके हैं.
उनकी बातचीत इतनी दिलचस्प होती है कि दर्शक टकटकी लगाकर देखते रहते हैं.
लेकिन प्रोफेसर कुमार सिर्फ टीवी के ही सुल्तान नहीं हैं. उन्हें लिखने का भी बड़ा शौक है.
उनकी 13 किताबें छप चुकी हैं, जिनमें से कुछ तो पत्रकारिता की तकनीक पर हैं, तो कुछ में उन्होंने कहानियों और कविताओं को पिरोया है.
अब सोचिए, इतना कुछ करने के बाद भी वह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं. उनकी क्लासेज़ में स्टूडेंट्स को सिर्फ थ्योरी नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी का अनुभव भी मिलता है.
कहीं ना कहीं वह अपनी ज़िंदगी का हर रंग अपने स्टूडेंट्स पर भी बिखेर देते हैं.
तो कुल मिलाकर, डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने मीडिया और शिक्षा की दुनिया में अपना परचम लहराया है.
वह हर काम को पूरे जुनून और लगन से करते हैं, और यही बात उन्हें सबसे अलग बनाती है.